शुभम गोस्वामी से बने अमन खान ने हिन्दू धर्म में की वापसी, युवती के लिए किया था धर्म-परिवर्तन
भोपाल 8 दिसंबर : जहांगीराबाद के रहने वाले शुभम गोस्वामी ने हिंदू धर्म में वापसी की है। दरअसल, उसने एक मुस्लिम युवती के प्यार में धर्म परिवर्तन किया था लेकिन प्यार में धोखा में खाने के बाद फिर हिंदु धर्म अपनाया।
सोमवार को गुफा मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हवन, उपनयन संस्कार, गुरुदीक्षा, मुंडन, गौपूजन और गंगाजल से शुद्धिकरण की विधि सम्पन्न कराई गई। इस पूरे कार्यक्रम के दौरान मध्यप्रदेश के कैबिनेट मंत्री विश्वास कैलाश सारंग भी मौजूद रहे। शुभम का आरोप है कि धर्म परिवर्तन के बाद उसे अमन खान नाम अपनाने को मजबूर किया गया था।
रामप्रवेश दास देवाचार्य महाराज ने बताया कि यदि कोई व्यक्ति किसी कारणवश सनातन धर्म से दूर चला भी जाए, तो पुनः लौटने की एक सामान्य प्रक्रिया है। मुंडन, भद्रता-संस्कार, कंठी-तुलसी धारण, तिलक, गौपूजन, हवन आदि संस्कार होता है।
विश्वास सारंग से मिला था युवक
शुभम गोस्वामी ने 29 नवंबर को मंत्री विश्वास सारंग के जनदर्शन में पहुंचकर अपनी आपबीती सुनाई थी। मंत्री सारंग ने बताया कि युवक के अनुसार, उसे दबाव डालकर मुस्लिम धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया गया था। प्रेम-जाल में फंसाया गया, गौमांस खिलाया गया और जमात में भेजा गया। मंत्री ने बताया कि युवक की शिकायत पर पुलिस को सूचना दी गई और कार्यवाही के बाद फिलहाल तीन आरोपी जेल में हैं।
शुभम ने कहा कि वह चार महीने तक दूसरे धर्म की रीति-रिवाजों के अनुसार रहा। नॉन-वेज खाना, नमाज पढ़ना, मस्जिदों में रहना ये सब किया। लेकिन जब स्थिति असहज होने लगी, तो वह मंत्री से मिला। कार्यवाही के बाद वह अब दोबारा हिन्दू धर्म में लौट आया।
2022 में युवती से हुई थी पहचान
शुभम ने बताया कि वह भोपाल के जहांगीराबाद का रहने वाला है। 2022 के आखिर में एक मुस्लिम युवती से जान-पहचान हुई। शुरुआत में सब ठीक लगा लेकिन धीरे-धीरे उसके परिवार ने युवक के ऊपर दबाव बनाना शुरू कर दिया।
युवक ने बताया था कि उस परिवार ने उसे समाज, कानून और पुलिस के डर से घेर लिया। उन्होंने मेरे खिलाफ झूठे केस दर्ज कराए। वह जेल तक गया। शुभम ने कहा कि, बाहर आने पर धमकियां दी गईं कि अगर मैं हिंदू धर्म नहीं छोडूंगा, तो मेरे परिवार को नुकसान पहुंचाया जाएगा।
उसके मुताबिक, सबसे बड़ा मानसिक दबाव उसकी पहचान छीन लेने का था। उन्होंने कहा कि अब तुम शुभम नहीं, अमन खान हो। मजबूरी में मुझे वही नाम बताना पड़ता था। वह तीन साल अपने घर से दूर मुस्लिम मोहल्ले में रहा। युवक ने कहा कि मैंने परिवार से रिश्ता लगभग खत्म कर दिया था। नौकरी भी छूट गई।
भोपाल : मध्यप्रदेश की मोहन सरकार एक बार फिर से कर्ज लेने जा रही है। 3 हजार करोड़ का कर्ज तीन किस्तों में लिया जाएगा।
भोपाल 2 दिसंबर : मध्यप्रदेश की मोहन सरकार शीतकालीन सत्र के दौरान दूसरा अनुपूरक बजट पेश करने की तैयारी में है। इसके लिए सरकार एक बार फिर 3,000 करोड़ का कर्ज नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से लेने जा रही है, जिसका भुगतान बुधवार को किया जाएगा। ये सभी कर्ज रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के जरिए लिए जा रहे हैं, और इनका ब्याज हर छह महीने में 3 जून और 3 दिसंबर को चुकाया जाएगा। इस नए कर्ज के साथ चालू वित्तीय वर्ष में राज्य का कुल कर्ज बढ़कर 49,600 करोड़ पहुंच जाएगा।
पहला कर्ज 1 हजार करोड़ रुपए का होगा
वित्त विभाग के द्वारा नोटिफिकेशन जारी किया गया। जिसके अनुसार, पहला कर्ज एक हजार करोड़ रुपए का होगा। जिसका भुगतान सरकार के द्वारा आठ साल में किया जाएगा। इसके बाद एक हजार करोड़ का दूसरा कर्ज भी लिया जाएगा। जिसको सरकार 13 साल में चुकाएगी। तीसरे कर्ज की राशि भी 1 हजार करोड़ रुपए होगी। जिसका भुगतान ब्याज के साथ 23 साल में किया जाएगा। इन कर्जों का ब्याज जून और दिसंबर महीने में अदा किया जाएगा।नवंबर में सरकार ने लिया था कर्ज
इससे पहले सरकार ने 11 नवंबर को ऑक्शन के बाद सरकार ने 12 नवंबर को 1500-1500 सौ करोड़ के दो कर्ज और 1 हजार करोड़ का दूसरा कर्ज लिया था। जो कि 16 साल, 22 साल और 19 साल के लिए हैं। इनके ब्याज का भुगतान सरकार को 6-6 महीने की अवधि में करना होगा। ऐसे ही 28 अक्टूबर को 5200 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। उसमें पहली राशि 2700 करोड़ की थी, जो कि 21 साल के लिए ली गई थी। वहीं, दूसरी राशि 2500 करोड़ की, जो 22 साल के लिए ली गई थी।कर्ज लेने की लिमिट बरकरार
सरकार ने अपनी रेवेन्यू को लेकर कहा है कि वित्त वर्ष 2023-24 में सरकार 12487.78 करोड़ के रेवेन्यू सरप्लस में थी। इसमें आमदनी 234026.05 करोड़ और खर्च 221538.27 करोड़ रहा। इसके विपरीत वित्त वर्ष 2024-25 में प्रदेश सरकार की रिवाइज्ड आमदनी 262009.01 करोड़ और खर्च 260983.10 करोड़ बताया है। इस तरह पिछले वित्त वर्ष में भी सरकार की आय 1025.91 करोड़ सरप्लस बताई गई है, जो भी कर्ज लिया जा रहा है वह लोन की लिमिट के भीतर है।ऐसे ही 30 सितंबर को 1500-1500 करोड़ के दो कर्ज लिए थे। जिसका भुगतान एक अक्टूबर को हुआ था। ये कर्ज 20 साल और 23 साल के अवधि के लिए हैं। इसका भुगतान एक अक्टूबर हो हुआ था।
स्कूल की 8वीं क्लास में पढ़ने वाले स्टूडेंट को प्रिंसिपल ने इस बात पर सस्पेंड करने की धमकी दे दी, क्योंकि वो नियमों के खिलाफ़ मोबाइल स्कूल लाकर क्लासरूम में वीडियो रिकॉर्ड कर रहा था।
रतलाम 30 नवम्बर : मध्य प्रदेश के रतलाम में एक 13 साल के नेशनल लेवल के स्केटिंग प्लेयर ने अपने स्कूल की बिल्डिंग की तीसरी मंज़िल से छलांग लगा दी। इस मामले में जो कारण सामने आया, वो बेहद हैरान कर देने वाला है। पुलिस तफ्तीश में प्रिंसिपल रूम से एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया, जिसमें घटना से ठीक पहले उसकी प्रिंसिपल उसका करियर खत्म करने, उसे सस्पेंड करने और उसके मेडल छीन लेने की धमकी देती नजर आ रही हैं। बताया जा रहा है कि, छात्र की गलती ये थी कि, वो स्कूल के नियमों का उल्लंघन कर क्लासरूम में मोबाइल ले आया था। क्लास में एक टीचर ने उसे वीडियो रिकॉर्ड करते देख लिया था।
घटना शुक्रवार को डोंगरे नगर के एक प्राइवेट स्कूल की है, जहां के डिसिप्लिन को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा हो गई हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि, प्रिंसिपल की धमकी से डरकर आत्मघाती कदम उठाने वाला महज आठवीं कक्षा का छात्र नेशनल चैंपियन है और दो बार स्केटिंग इवेंट्स में अपने जिले को रिप्रेजेंट कर चुका है। यही नहीं, वो पढ़ने में भी ठीक-ठाक है। बड़ा सवाल ये है कि, इतनी कम उम्र में इतनी उप्लब्धियां जिस छात्र ने अपने नाम कर रखी हैं, क्या प्रिंसिपल के पास ऐसे छात्र को माफ करने की गुंजाइश नहीं थी? हालांकि, घटना के बाद छात्र को गंभीर हालत में निजी अस्पताल ले जाया गया था, जहां सामने आए अपडेट के तहत उसकी हालत में अब सुधार है।
क्लास में मोबाइल रख लाना थी उसकी खता
अधिकारियों के अनुसार, मामला गुरुवार को तब शुरू हुआ जब छात्र नियमों के खिलाफ अपना मोबाइल फोन स्कूल ले आया और अपनी क्लासरूम के अंदर वीडियो रिकॉर्ड कर रहा था। बाद में उसने वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। जब एडमिनिस्ट्रेशन को इस बारे में पता चला तो अगली सुबह उसके पेरेंट्स को इस मामले पर बात करने के लिए स्कूल बुलाया गया।
जिस सीसीटीवी फुटेज की पुलिस अधिकारियों ने जांच की, उसमें लड़का प्रिंसिपल के ऑफिस में जाता हुआ दिख रहा है और करीब 4 मिनट वहीं रहा और बार-बार माफी मांगता दिखाई दिया फुटेज के मुताबिक, उसने उस चार मिनट की अवधि में 52 बार 'सॉरी' कहा। वीडियो में साफतौर पर डरा हुआ और काफी परेशान नजर आ रहा था।
छात्र ने दिया बयान
बाद में छात्र ने अपने माता-पिता और पुलिस अधिकारियों को बताया कि, प्रिंसिपल ने कथित तौर पर 'उसका करियर खत्म करने,' 'उसे सस्पेंड करने' और 'उसके मेडल छीन लेने' की धमकी दी थी, जिससे वो काफी डर गया था। युवा स्केटर, जिसने अपने डिसिप्लिन और टैलेंट के लिए एक मज़बूत नाम कमाया था। ये सुनकर टूट गया और उसने आत्मघाती कदम उठा लिया।
कॉरिडोर से भागते हुए लगा दी छलांग, पिता करते रहे इंतजार
ऑफिस से निकलने के कुछ देर बाद के फुटेज में वो कॉरिडोर से भागते हुए अचानक तीसरी मंजिल की रेलिंग पर चढ़कर ऊपर से कूदता दिखाई दिया। इस घटना में और भी दिल दहला देने वाली बात ये थी कि, बच्चे के पिता पहले से ही स्कूल के वेटिंग एरिया में अपने बेटे से मिलने का इंतज़ार कर रहे थे। उन्हें अंदाज़ा भी नहीं था कि, प्रिंसिपल की ऐसी सख्ती का असर बच्चे के दिमाग पर इतना हावी हो जाएगा।
स्कूल प्रबंधन ने बताया- बेटा गिर गया है
बच्चे के पिता प्रीतम कटारा ने कहा, 'मुझे मेरे बेटे से मिलने के लिए बुलाया गया था। जब मैं स्कूल पहुंचा तो पता चला कि, वो तीसरी मंजिल से गिर गया है…। उन्होंने कहा कि, उनका बेटा स्केटिंग में दो बार नेशनल जा चुका है। मुझे स्कूल से एक कॉल आया, लेकिन फिर स्कूल से एक और कॉल आया, जिसमें मुझे सीधे हॉस्पिटल आने को कहा गया।
मामले की जांच जारी
SDM आर्ची हरित ने पुष्टि करते हुए कहा कि, स्कूल में मोबाइल फोन लाना नियमों के खिलाफ है। साथ ही ये भी कहा कि, टीचरों को भी फोन रखने की इजाज़त नहीं है। हरित ने कहा, 'बच्चा क्लास 8 में है। वो घर से फोन ले आया था। फिलहाल, इस मामले की जांच की जा रही है। उन्होंने स्कूल का हवाला देते हुए कहा कि, वे कोई भी एक्शन लेने से पहले पिता से बात करना चाहते थे।
खबर पत्रिका के आधार पर।
भोपाल 27 नवम्बर : गोहरगंज में 6 साल की मासूम बच्ची के साथ हुए दरिंदगी भरे हादसे को लेकर आज जामिया इस्लामिया अरबिया मस्जिद “तर्जुमा वाली भोपाल” में जमीयत उलमा मध्य प्रदेश के अध्यक्ष मुफ्ती मोहम्मद अहमद खान साहब ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर घटना की कड़ी मजम्मत की।
मुफ्ती साहब ने कहा कि “यह वाक़िया इंसानियत को शर्मसार करने वाला है। दोषी को जल्द से जल्द गिरफ़्तार कर के सख़्त से सख़्त सज़ा दी जाए, अगर ज़रूरत पड़े तो चौराहे पर ज़मीन में गाड़कर पत्थर मार-मार कर ख़त्म कर दिया जाए, ताकि ऐसी हरकत करने वालों के दिलों में खौफ़ पैदा हो।”
उन्होंने कहा कि “इस मुश्किल घड़ी में हिंदू-मुस्लिम सबको मिलकर मासूम बच्ची को इंसाफ दिलाने के लिए एक साथ खड़ा होना चाहिए। सरकार को भी चाहिए कि ऐसी वारदातों के खिलाफ सख्त कानून बनाए।”
मुफ्ती मोहम्मद अहमद खान साहब ने बच्ची की सेहतयाबी की दुआ की और कहा कि “हम पुलिस प्रशासन का शुक्रिया अदा करते हैं कि उन्होंने हालात को क़ाबू में रखा, वरना कुछ लोग इस मुद्दे को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहे थे।”
उन्होंने तमाम लोगों—हिंदू और मुसलमान—से अपील की कि “सब मिलकर फरार आरोपी की गिरफ्तारी में पुलिस की मदद करें।”
इसी दौरान साहबज़ादा अब्दुर रशीद साहब ने एलान किया कि जमीयत उलमा मध्य प्रदेश पीड़ित परिवार से मुलाक़ात करेगी और बच्ची के इलाज का पूरा खर्च उठाएगी।
भोपाल 26 नवम्बर : भारतीय अचल संपत्ति क्षेत्र में वर्ष 2025 एक ऐतिहासिक मोड़ लेकर आया है। सरकार ने जमीन-जायदाद के पंजीकरण में तकनीकी क्रांति की शुरुआत करते हुए पूरी व्यवस्था को आधुनिक बना दिया है। भूमि संसाधन मंत्रालय द्वारा शुरू की गई यह नवीन योजना देश के नागरिकों को सुविधाजनक, सुरक्षित और तीव्र सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से बनाई गई है। इस महत्वाकांक्षी पहल के माध्यम से सदियों पुरानी जटिल प्रक्रियाओं को समाप्त कर एक सरल मार्ग प्रशस्त किया गया है।
पारंपरिक तरीकों में कागजी दस्तावेजों का ढेर, कार्यालयों में लंबी कतारें और अनगिनत चक्कर लगाना आम समस्याएं थीं। इन सभी बाधाओं को दूर करने के लिए डिजिटल तकनीक का सहारा लिया गया है। नई व्यवस्था में इंटरनेट के माध्यम से सभी कार्य घर बैठे संपन्न किए जा सकते हैं, जिससे समय और धन दोनों की बचत होगी।
पूर्णतः ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया
सरकार ने एक विशेष इंटरनेट पोर्टल तैयार किया है जहां संपत्ति के क्रेता और विक्रेता अपने समस्त कागजात डिजिटल रूप में जमा कर सकते हैं। यह सुविधा चौबीसों घंटे उपलब्ध रहती है और किसी भी स्थान से इसका उपयोग किया जा सकता है। जो काम पहले सप्ताहों में पूरा होता था, वह अब मात्र कुछ दिनों में निपट जाएगा। दस्तावेजों को स्कैन करके अपलोड करना होगा और पंजीकरण प्रमाणपत्र भी डिजिटल फॉर्मेट में मिल जाएगा।
यह तकनीक खासतौर पर विदेश में रहने वाले भारतीयों और दूरदराज के इलाकों के निवासियों के लिए वरदान साबित होगी। अब उन्हें व्यक्तिगत उपस्थिति के लिए यात्रा करने की आवश्यकता नहीं होगी। सभी जानकारी सुरक्षित सर्वर पर संग्रहीत रहेगी और आवश्यकता पड़ने पर तुरंत प्राप्त की जा सकेगी। इससे कागजी फाइलों के खोने या नष्ट होने का खतरा भी समाप्त हो जाएगा।आधार एवं जैविक पहचान की बाध्यता
धोखाधड़ी और अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य कर दिया गया है। प्रत्येक खरीदार और विक्रेता को अपना बारह अंकों का आधार नंबर देना होगा और फिंगरप्रिंट या आईरिस स्कैन के जरिए पहचान साबित करनी होगी। यह उन्नत प्रौद्योगिकी नकली कागजात बनाने वालों और धोखेबाजों के लिए बड़ी बाधा बनेगी। जैविक पहचान प्रणाली अत्यधिक विश्वसनीय मानी जाती है क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति की उंगलियों के निशान और आंखों की संरचना अद्वितीय होती है।
इस व्यवस्था का एक अन्य फायदा यह है कि सरकारी एजेंसियों के पास मालिकों का सटीक डेटा उपलब्ध होगा। इससे कर वसूली में सुधार होगा और विभिन्न योजनाओं का लाभ सही लोगों तक पहुंचेगा। ग्रामीण इलाकों में जहां भूमि विवाद आम बात है, वहां यह तकनीक विशेष रूप से प्रभावी सिद्ध होगी। किसी की जमीन जबरन या फर्जी तरीके से हड़पना लगभग असंभव हो जाएगा।नकदी लेनदेन पर संपूर्ण रोक
नई नीति के अनुसार स्टांप शुल्क और पंजीकरण फीस का भुगतान केवल इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से ही स्वीकार किया जाएगा। नकद राशि लेकर कोई भी कार्यवाही नहीं की जाएगी। यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस, इंटरनेट बैंकिंग, क्रेडिट या डेबिट कार्ड जैसे विकल्प उपलब्ध होंगे। यह कदम काले धन के प्रचलन को रोकने और आर्थिक पारदर्शिता स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
डिजिटल भुगतान से प्रत्येक लेनदेन का स्थायी रिकॉर्ड बन जाता है जिसे ट्रैक किया जा सकता है। इससे अघोषित संपत्तियों और कर चोरी पर नियंत्रण पाना आसान होगा। साथ ही, रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार में भी कमी आएगी क्योंकि सभी राशि का हिसाब-किताब सिस्टम में दर्ज रहेगा। विभिन्न प्रांतों में शुल्क की दरें भिन्न हैं – कुछ राज्यों में 3% तो कुछ में 8% तक, लेकिन पंजीकरण शुल्क अधिकांश जगह 1% के आसपास ही है।
वीडियोग्राफी की अनिवार्य व्यवस्था
पूरी रजिस्ट्री कार्यवाही को वीडियो में रिकॉर्ड करना अब जरूरी कर दिया गया है। इस रिकॉर्डिंग में दोनों पक्षों की स्वीकृति, कागजात का परीक्षण और सौदे की सभी शर्तें शामिल होंगी। यह फुटेज भविष्य में उत्पन्न होने वाले किसी भी कानूनी झगड़े में निर्णायक सबूत का काम करेगी। अगर बाद में कोई यह आरोप लगाए कि उसे धमकाकर या छल से संपत्ति बेचने को मजबूर किया गया, तो वीडियो से वास्तविकता स्पष्ट हो जाएगी।
यह प्रावधान न्यायालयों में लंबित मामलों की संख्या घटाने में सहायक होगा। अदालतों पर बोझ कम होगा क्योंकि स्पष्ट प्रमाणों के आधार पर कई विवाद शुरुआत में ही सुलझ जाएंगे। सरकारी डेटाबेस में सुरक्षित रखे गए ये वीडियो जरूरत पड़ने पर उपलब्ध कराए जा सकेंगे। इससे पूरी प्रक्रिया में जवाबदेही और विश्वसनीयता बढ़ेगी।
जनता को होने वाले फायदे
आम नागरिकों के लिए ये सुधार बहुत लाभकारी सिद्ध होंगे। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अब घर से ही सारा काम निपटाया जा सकेगा, जिससे यात्रा खर्च और समय की बर्बादी से बचा जा सकेगा। बिचौलियों और दलालों की जरूरत खत्म हो जाएगी, जो अक्सर मोटी रकम वसूलते हैं। पारदर्शी सिस्टम में भ्रष्टाचार के लिए कोई गुंजाइश नहीं रहेगी। जैविक सत्यापन से धोखाधड़ी की चिंता लगभग समाप्त हो जाएगी।
संपत्ति की सुरक्षा को लेकर लोगों का भरोसा बढ़ेगा और वे निश्चिंत होकर निवेश कर सकेंगे। गरीब और ग्रामीण परिवारों के लिए भी यह प्रणाली सुलभ बनाई गई है। कम रजिस्ट्रेशन फीस के कारण आर्थिक भार भी न्यूनतम रहेगा। समग्र रूप से देखें तो यह सुधार रियल एस्टेट उद्योग में क्रांतिकारी परिवर्तन लाएगा और निवेशकों का विश्वास मजबूत करेगा।
राज्यवार शुल्क संरचना
भारत के अलग-अलग राज्यों में स्टांप ड्यूटी की दरें भिन्न निर्धारित की गई हैं। उत्तर प्रदेश, पंजाब और तमिलनाडु में यह 7% है। राजधानी दिल्ली और बिहार में 6%, छत्तीसगढ़ तथा झारखंड में 4% दर लागू है। महाराष्ट्र में संपत्ति के प्रकार के आधार पर 3% से 6% तक शुल्क वसूला जाता है। मध्य प्रदेश में सबसे ऊंची दर 8% निर्धारित है।
हालांकि स्टांप शुल्क में भिन्नता है, परंतु पंजीकरण फीस लगभग सभी राज्यों में समान रूप से 1% रखी गई है। खरीदारों को अपने प्रांत की फीस संरचना की पूर्व जानकारी होना आवश्यक है। डिजिटल प्लेटफॉर्म पर यह सारी जानकारी सुलभ होगी और स्वचालित गणना हो जाएगी, जिससे भ्रम या त्रुटि की संभावना नहीं रहेगी।
भूमि पंजीकरण में यह डिजिटल परिवर्तन भारत के विकास की यात्रा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। तकनीक के उपयोग से पुरानी समस्याओं का समाधान मिला है और नागरिकों को सशक्त बनाया गया है। यह सुधार न केवल शहरी बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी सकारात्मक प्रभाव डालेगा।
नोट: यह लेख केवल जानकारी देने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। किसी भी संपत्ति लेनदेन से पूर्व अपने राज्य के भूमि विभाग या रजिस्ट्रार कार्यालय से आधिकारिक सूचना अवश्य लें। कानूनी परामर्श के लिए योग्य वकील से संपर्क करना उचित रहेगा।
दिग्विजय सिंह : नक्सली हिड़मा के एनकाउंटर पर दिग्विजय सिंह ने उठाए सवाल, गर्माई प्रदेश की राजनीति...।
भोपाल 21 नवम्बर : मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह अक्सर अपने बयानों के लिए सुर्खियों में रहते हैं । एक बार फिर दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर ऐसी पोस्ट की है जिससे सियासी बवाल मच गया है। दिग्विजय सिंह की पोस्ट के बाद भाजपा हमलावर हो गई और एक के बाद दिग्विजय सिंह पर भाजपा नेता जुबानी हमले कर रहे हैं। भाजपा सांसद ने ये तक कह दिया है कि दिग्विजय सिंह के बयान हमेशा आतंकियों के पक्ष में ही क्यों आते हैं?
दिग्विजय की पोस्ट से मचा बवाल
दिग्विजय सिंह ने नक्सली माड़वी हिड़मा के एनकाउंडर को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा है कि मैं नक्सली हिंसा का घोर विरोधी हूं। उनके साथ कोई समझौता हो कर उन्हें आत्म समर्पण कराया जाता है मैं उसके पक्ष में हूं। विषय कुछ और है। क्या बस्तर संभाग आदिवासी क्षेत्र में भारत सरकार PESA लागू करना चाहती है या नहीं? क्या बस्तर के खनिज सम्पत्ति में स्थानीय आदिवासी की भागीदारी होगी? क्या SIR की शर्तों को देखते हुए उनके पास पर्याप्त प्रमाण होंगे जिस से उनका नाम मतदाता सूची में शामिल हो सकेगा? भाजपा आदिवासी हितों की कभी समर्थक नहीं रही। इसके साथ ही दिग्विजय सिंह ने एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर किया है जिसमें आदिवासी एक्टिविस्ट सोनी सोढ़ी हिड़मा के एनकाउंटर को फर्जी बता रही हैं।
भाजपा ने बोला दिग्विजय पर हमला
दिग्विजय सिंह की इस पोस्ट के बाद भाजपा उन पर हमलावर हो गई है। भोपाल से भाजपा सांसद आलोक शर्मा ने कहा है कि देश के लिए जो सैनिक शहीद होते हैं उनके लिए दिग्विजय सिंह कुछ नहीं कहते। दिग्विजय सिंह का बयान हमेशा आतंकियों के पक्ष में ही क्यों आता है? आलोक शर्मा ने आगे कहा कि जनता सब कुछ जान चुकी है और यही कारण है कि दिग्विजय सिंह की पूरी पार्टी को चुनावों में एक के बाद एक हार का सामना करना पड़ रहा है। वहीं शाजापुर जिले की कालापीपल विधानसभा सीट से भाजपा विधायक घनश्याम चंद्रवंशी ने भी दिग्विजय सिंह पर हमला बोला है। चंद्रवंशी ने कहा है कि नक्सली हमले में शहीद हुए नक्सली के इंस्पेक्टर आशीष शर्मा की शहादत पर दिग्विजय सिंह ने संवेदनाओं से भरा एक शब्द तक नहीं कहा है लेकिन हिड़मा जैसे खूंखार आतंकी के लिए सवाल उठा रहे हैं।
खबर पत्रिका के आधार पर
मप्र न्यूज़ : कुछ दिन पहले 15 हजार रूपये की रिश्वत लेते पकड़ाए नायब तहसीलदार हर्षल बहरानी से केस खत्म करवाने के नाम पर ठगी की कोशिश...।
मध्यप्रदेश में रिश्वतखोर नायब तहसीलदार से रिश्वत मांगे जाने का मामला सामने आया है। दरअसल ये मामला साइबर ठगी से जुड़ा है और रिश्वत लेते पकड़ाए नायब तहसीलदार को शातिर ठग ने लोकायुक्त अधिकारी बनकर मोबाइल पर कॉल किया और केस रफा दफा करने के एवज में 50 हजार रूपये की डिमांड की। नायब तहसीलदार ने पूरी बातचीत की रिकॉर्डिंग करते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी है। जिसके आधार पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
रिश्वतखोर से 'रिश्वत' की मांग
देवास के नायब तहसीलदार हर्षल बहरानी को 31 अक्टूबर को EOW की टीम ने 15 हजार रूपये की रिश्वत लेते रंगेहाथों पकड़ा था। नायब तहसीलदार हर्षल बहरानी के खिलाफ EOW ने मामला दर्ज किया है और मामला जांच में है। 4 नवंबर को सुबह हर्षल बहरानी के मोबाइल पर कॉल आया उन्होंने कॉल नहीं उठाया तो लगातार उसी नंबर से वॉट्सएप पर मैसेज आने लगे। कॉलर आईडी पर नंबर के आगे ‘लोकायुक्त भोपाल’ लिखा हुआ था, जिसने बहरानी की चिंता और बढ़ा दी। जैसे ही उन्होंने रिटर्न कॉल किया तो सामने वाले ने फोन उठाते ही खुद को भोपाल लोकायुक्त का अधिकारी बताया और कहा कि आपके केस की फाइल हमारे पास आ गई है। केस खत्म करवाना चाहते हो तो 50 हजार रूपये देने होंगे।नायब तहसीलदार ने रिकॉर्ड की बातचीत
नायब तहसीलदार हर्षल बहरानी के मुताबिक लोकायुक्त अधिकारी बनकर सामने वाले से उससे कहा कि उसकी पहचान ऊपर तक है और वो EOW का केस भी रफा दफा करवा सकता है। बहरानी समझ गए कि ये साइबर फ्रॉड का मामला है और उन्होंने पूरी बातचीत रिकॉर्ड कर ली। कॉल रिकॉर्डिंग में साइबर ठग बहरानी को ये विश्वास दिलाते सुनाई दे रहा है कि वो 50 हजार रूपये लेकर केस को यहीं पर खत्म करा देगा। आखिर में जब हर्षल बहरानी ने पैसे की व्यवस्था न हो पाने की बात कही तो खुद को लोकायुक्त अधिकारी बताने वाला शख्स भड़क गया और धमकी भरे लहजे में बात करने लगा। नायब तहसीलदार ने पूरी बातचीत रिकॉर्ड कर देवास एसपी से शिकायत की है ।ख़बर पत्रिका के आधार पर
भोपाल 13 नवम्बर : घासीपुरा ईंटखेड़ी में 14 से 17 नवंबर तक आयोजित होने वाले आलमी तब्लीगी इज्तिमा के दौरान शहर में यातायात व्यवस्था प्रभावित रहेगी। लाखों धर्मावलंबियों के आने की संभावना को देखते हुए भोपाल ट्रैफिक पुलिस ने विशेष ट्रैफिक प्लान जारी किया है। आयोजन के अंतिम दिन यानी 17 नवंबर की सुबह दुआ की नमाज के समय पुराने शहर से इज्तिमा स्थल की ओर जाने वाले मार्गों पर भारी भीड़ और जाम की स्थिति रहेगी।
पुराने शहर से इज्तिमा स्थल तक भारी दबाव
17 नवंबर को सुबह 6 बजे से ही पुराने भोपाल के मुबारकपुर से पटेल नगर नया बायपास, गांधी नगर से अयोध्या नगर बायपास, रत्नागिरी, लांबाखेड़ा से करोंद, भोपाल टॉकीज, पीरगेट, मोती मस्जिद, रॉयल मार्केट, लालघाटी, नादरा बस स्टैंड, भारत टॉकीज, बोगदा पुल आदि इलाकों में यातायात का भारी दबाव रहेगा। पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि इन मार्गों से बचकर वैकल्पिक रास्तों का उपयोग करें।
एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन जाने वालों के लिए मार्ग
एयरपोर्ट जाने वाले वाहन: वीआईपी रोड, लालघाटी होकर एयरपोर्ट जा सकेंगे।
रेलवे स्टेशन जाने वाले वाहन: रोशनपुरा, लिंक रोड-2, बोर्ड ऑफिस, चेतक ब्रिज, प्रभात चौक, 80 फीट रोड से प्लेटफॉर्म नंबर-1 की ओर जा सकेंगे।
बसों का डायवर्जनसागर, दमोह, रायसेन, होशंगाबाद, जबलपुर, छिंदवाड़ा, बैतूल की ओर से आने वाली बसें मिसरोद, आरआरएल तिराहा, हबीबगंज नाका, सांची दुग्ध संघ से होकर आईएसबीटी तक जाएंगी। आगे नादरा बस स्टैंड की ओर बसों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।
विदिशा से आने वाली बसें सूखीसेवनिया–छैपड़ा बायपास–भानपुर रोटरी तक जाएंगी।
बैरसिया से आने वाली बसें गोलखेड़ी–तारासेवनिया–मुबारकपुर बायपास–खजूरी बायपास से होते हुए बैरागढ़ हलालपुर बस स्टैंड आएंगी।
भारी वाहनों पर रोक
15 नवंबर की सुबह 7 बजे से बैरसिया रोड से करोंद चौक तक भारी वाहन, डंपर, मिक्सर आदि का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। 17 नवंबर की सुबह 4 बजे से भोपाल में सभी सीमावर्ती जिलों से भारी मालवाहक वाहनों का प्रवेश पूरी तरह बंद रहेगा।मुख्य डायवर्जन
इंदौर-सीहोर से आने वाले भारी वाहन – सीहोर सीमा पर रोके जाएंगे या इच्छावर-बुधनी मार्ग से डायवर्ट किए जाएंगे।
गुना, राजगढ़ की ओर से आने वाले ट्रक – ब्यावरा पर रोक या कुरावर–श्यामपुर–सीहोर मार्ग से डायवर्ट।
रायसेन-मंडीदीप से आने वाले वाहन – बिलखिरिया सीमा पर रोके जाएंगे।
विदिशा से बैरसिया मार्ग पर आने वाले वाहन – भोपाल सीमा में प्रवेश नहीं कर सकेंगे।
हल्के वाहन (इंदौर से होशंगाबाद की ओर) – सीहोर–झागरिया–भदभदा–मानसरोवर–मिसरोद मार्ग से जा सकेंगे।
बैरसिया से आने वाले हल्के वाहन – गोलखेड़ी–तारासेवनिया–परवलिया रोड से भोपाल प्रवेश कर सकेंगे।
इज्तिमा स्थल की पार्किंग व्यवस्थाविदिशा दिशा से आने वाले वाहन – लांबाखेड़ा बायपास चौराहा से निर्धारित पार्किंग में जाएंगे।
सीहोर और राजगढ़ से आने वाले वाहन – मुबारकपुर–मीना बायपास मार्ग से निर्धारित पार्किंग में प्रवेश करेंगे।
बैरसिया की ओर से आने वाले वाहन – गोलखेड़ी जोड़ से निर्धारित पार्किंग क्षेत्र में जाएंगे।
दोपहिया, चारपहिया, बस और अन्य वाहनों के लिए अलग-अलग पार्किंग स्थल तय किए गए हैं।
120 एकड़ में पंडाल, 300 एकड़ में पार्किंग एरिया
कमेटी के मीडिया कोऑर्डिनेटर डॉक्टर उमर हफीज ने बताया कि इस बार पंडाल का क्षेत्रफल 100 एकड़ से बढ़ाकर 120 एकड़ कर दिया गया है। वहीं जायरीन की आमद को देखते हुए पार्किंग एरिया को 300 एकड़ से अधिक तक फैला दिया गया है। कुल 70 पार्किंग जोन बनाए जा रहे हैं ताकि ट्रैफिक मैनेजमेंट में कोई दिक्कत न हो।यातायात नियंत्रण के लिए हेल्पलाइन
पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे यातायात नियमों का पालन करें और व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग दें। किसी असुविधा की स्थिति में ट्रैफिक कंट्रोल रूम, 0755-2677340, 2443850, ट्रैफिक हेल्पलाइन, 7587602055 पर संपर्क किया जा सकता है।
इंदौर 9 नवम्बर : इंदौर क्राइम ब्रांच ने शनिवार को एक जालसाज को गिरफ्तार किया है, जिसने खुद को पुलिस आरक्षक बताकर युवती से आरक्षक भर्ती में बिना परीक्षा नौकरी दिलाने के नाम पर 6 लाख रुपए की मांग की थी।
युवती ने क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई है। वहीं, आरोपी के साथ हुई रिकॉर्डेड बातचीत और व्हाट्सऐप चैट भी पुलिस को सौंपी। शिकायत के आधार पर क्राइम ब्रांच ने आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया।
एडिशनल डीसीपी क्राइम ब्रांच राजेश दंडोतिया ने बताया कि देवास की रहने वाली एक युवती इंदौर में रहकर पढ़ाई कर रही थी। उसे एक व्यक्ति ने कॉल कर खुद को पुलिस आरक्षक बताया और कहा कि वह बिना परीक्षा दिए आरक्षक पद पर नौकरी दिला सकता है। इसके एवज में उसने 6 लाख रुपए की मांग की।
युवती को शक हुआ, तो उसने उसकी बातों की ऑडियो रिकॉर्डिंग की और व्हाट्सऐप चैट के स्क्रीनशॉट क्राइम ब्रांच को उपलब्ध कराए। शिकायत मिलने पर क्राइम ब्रांच ने शुक्रवार को मामला दर्ज किया और आरोपी की जानकारी जुटाई। जांच में पता चला कि आरोपी का नाम अजय पाटीदार निवासी बागली, देवास है। तकनीकी सबूतों और साइबर टीम की मदद से पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
फ्रेंडशिप के बहाने युवतियों से करता था बातचीत
एडिशनल डीसीपी दंडोतिया ने बताया कि पूछताछ में आरोपी ने अपना अपराध स्वीकार किया। अजय 10वीं तक पढ़ा है और खेती करता है। वह सोशल मीडिया पर युवतियों से दोस्ती करने के उद्देश्य से बातचीत करता था और उन पर अच्छा प्रभाव डालने के लिए खुद को पुलिस आरक्षक बताता था।
इस मामले में भी उसने युवती से दोस्ती बढ़ाने के बाद यह पता लगाया कि वह प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही है। इसका फायदा उठाकर उसने युवती को बिना परीक्षा नौकरी दिलाने का झांसा दिया।
आरोपी आदतन अपराधी है। उस पर पहले भी दो मामले एक गैंबलिंग एक्ट और दूसरा आर्म्स एक्ट में देवास जिले में दर्ज हैं। इसके अलावा आजाद नगर थाना, इंदौर में भी उस पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की जा चुकी है। पुलिस उससे पूछताछ कर अन्य मामलों की जानकारी जुटा रही है।
ख़बर दैनिक भास्कर के आधार पर।
भोपाल 8 नवम्बर: आगामी तब्लीगी इज्तिमा को देखते हुए भोपाल जमीयत उलमा मध्यप्रदेश के मीडिया प्रभारी हाजी मोहम्मद इमरान हारून ने नगर निगम और रेलवे प्रशासन से कई अहम मांगें की हैं। उन्होंने कहा कि इज्तिमा शुरू होने से पहले पुराने शहर की जर्जर सड़कों को दुरुस्त किया जाए और ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाया जाए, ताकि देशभर से आने वाले लाखों जायरीन को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
हाजी इमरान ने बताया कि पुराने भोपाल की अधिकांश सड़कें और गलियां बदहाल स्थिति में हैं, जगह-जगह गड्ढे हैं और कई इलाकों में स्ट्रीट लाइटें भी खराब हैं। उन्होंने नगर निगम से मांग की कि इज्तिमा स्थल तक जाने वाले मुख्य मार्गों के साथ-साथ अंदरूनी सड़कों का भी डामरीकरण और पेज वर्क किया जाए, ताकि यातायात सुगम रहे।
रेलवे से स्पेशल कोच और टिकट काउंटर लगाने की मांग
हाजी मोहम्मद इमरान ने भोपाल रेल मंडल डीआरएम से भी आग्रह किया कि इज्तिमा के दौरान बढ़ने वाली यात्रियों की संख्या को देखते हुए सभी प्रमुख रूटों की ट्रेनों में स्पेशल कोच लगाए जाएं। साथ ही स्टेशनों पर अतिरिक्त आरक्षित और अनारक्षित टिकट काउंटर की व्यवस्था की जाए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि यदि संभव हो तो स्टेशन के बाहर अस्थायी टिकट काउंटर बनाए जाएं, ताकि यात्रियों को भीड़ और लंबी लाइनों से राहत मिल सके।
पुराने शहर की सड़कों के सुधार पर जोर
हाजी मोहम्मद इमरान ने विशेष रूप से बुधवारा, भारत टॉकीज, जहांगीराबाद, रॉयल मार्केट, पीरगेट, मोती मस्जिद, शाहजहांनाबाद, इब्राहिमपुरा और स्टेट बैंक चौराहा जैसे इलाकों की अंदरूनी गलियों को भी तत्काल सुधारने की मांग की है। उन्होंने कहा कि ये इलाके इज्तिमा में आने वाले मेहमानों की आवाजाही के मुख्य मार्ग हैं, इसलिए इनकी सड़कों को बेहतर स्थिति में लाना बेहद जरूरी है।